पंच महारत्नों में पन्ना प्रमुख रत्न है, अनेक रत्नों में पन्ना को प्रमुखता से पसन्द किया जाता है। यह बुधाग्रह का सौम्य, सरलता, शीतलता प्रदायक रत्न है। बुधा ग्रह परिषद का राज कुमार है, यह ग्रह वाणी, युवा शक्ति, पाचन शक्ति को नियंत्रित करता है, दमा पीडि़त व्यक्ति को कनिष्ठका अंगुली में पन्ना धारण करना चाहिए, यह पौरूष शक्ति वृद्धि व उत्तम स्वास्थ्य कारक भी है।
पन्ना धारण करने से मधुर प्रभावशाली बात-चीत व सशक्त वाक्-शक्ति प्राप्त होती है, व्यापार वृद्धि में यह अभूतपूर्व रूप से सहायक है, कार्य सफ़लता, इंटरव्यू, प्रमोशन, कार्यक्षेत्र में अनुकूलता आदि में लाभ प्राप्त होता है। विद्यार्थी वर्ग के लिये कुशाग्र बुद्धि प्रदायक, यह दृढ़ स्मरण शक्ति के लिये बहुत ही अनुकूल है और अध्ययन के प्रति रूचि न हो अथवा जो पढ़ते हो उसे शीघ्र भूल जाते हो, उन्हें लॉकेट रूप में पन्ना धारण करना चाहिये।
मिथुन व कन्या राशि के लिये पन्ना उत्तम राशि रत्न है। जो इस राशि के जातको की सर्वागीण उन्नति के लिये सर्वश्रेष्ठ है। वृषभ लग्न, सिंह लग्न वाले जातको के लिये पन्ना भाग्य वर्धाक है। तुला के लिये परम राजयोग कारक है। धनु लग्न, मीन लग्न वालो के लिये वैवाहिक सुख प्रदाता एवं व्यापार वृद्धि देने वाला रत्न है। मई माह में जन्म वाले जातक का रत्न पन्ना है, जिन व्यक्तियों का जन्म 5, 14 व 23 तारीख होता है, वे पन्ना धारण करें। 5 मूलांक के लिये भी पन्ना लाभप्रद है।
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