नववर्ष का आरंभ व आपके मन मस्तिष्क में कोलाहल कुछ बदलेगा? कुछ नया करने का? अपने दिनचर्या को बदलकर अपनी आदतो को बदलकर, कुछ नकारात्मकता का त्याग कर, बुरी आदतो, खानपान को छोड़कर नवीन-नया, बनने का प्रयास! जीवन में सद् स्थितियों की प्राप्ति हेतु कुछ प्रयास, वह प्रयास जो आपने पिछले वर्ष भी किया था!! पर कुछ परिवर्तन नहीं आया! क्यो नहीं हुआ परिवर्तन जब आपने प्रयास तो किया था?? क्योंकि वह प्रयास, वह श्रम मात्र कुछ दिन में भंग हो गया-घुल गया, वह आपका प्रयास पूर्णता को प्राप्त नहीं हुआ! परिवर्तन तो IMPLEMENTATION (क्रियान्वयन) होने से होगा, जो लगातार चले, हर उस आपत्ति का सामना करते हुये जो आपको पूर्णता को प्राप्त करने से रोकती है थकाती है। यह तो निरन्तर उन्नत होने की क्रिया है, चेतनावान होने की क्रिया है जो जन्म से मृत्यु तक चलेगी, रूके थके तो दीन हीनता, कष्ट, विषाद की प्राप्ति, चलते रहे तो हर्ष, उन्नति, आनन्द की प्राप्ति होगी, वो जो सद् स्थितियां सोची है जिसकी कामना की है वह तभी प्राप्त होगी जब उसके लिये कार्यरत होंगे, निरन्तर रूप से जो करना कठिन लगता है, निरंतरता तभी आयेगी जब आपको हर प्रयास में आनन्द का भाव आये, अपने हर प्रयास को उस रस, उस आनंद की प्राप्ति होगी, वह आपका प्रयास पूर्णता से युक्त होगा, वह मात्र केवल दिखावे के लिये न हो, उस आनन्द-रस की प्राप्ति के लिये आपको कोई विशेष दिवस या पल पर नहीं अपितु निरन्तर क्रियावान होना पड़ेगा। सिद्धि या चेतना की प्राप्ति का फल जीवनभर प्राप्त होता है। आपको क्या प्राप्त करना है उसका मार्ग आपको गुरू बतायेंगे उसका पालन अनुसरण आपको करना होगा।
इस नववर्ष सभी साधक-शिष्य सद् स्थितियों की प्राप्ति के हर प्रयास में सफल हो।
इस 01 जनवरी, 2025 में मंगलमय नववर्ष अखण्ड सुहाग संतान सुखदा कुबेर श्री साधना महोत्सव शिविर में अवश्य भाग ले।
नववर्ष रिद्धि सिद्धि शुभ् लाभमय बना रहे ऐसा ही मंगलमय शुभाशीर्वाद है।
आपका अपना
विनीत श्रीमाली
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