ऐसे चेतनापुंज स्वरूप सद्गुरु से सायुज्यता प्राप्त करना, उनसे एकाकार होने की क्रिया करना, उनमें लीन होने की क्रिया अपने आप में जीवन का सौभाग्य है। जिसने गुरु की सायुज्यता प्राप्त कर ली, उसके लिए फिर शेष रह भी क्या जाता है? पूर्णता में लीन हो कर पूर्णता ही प्राप्त होती है। ऐसा सौभाग्य आप भी अपने जीवन में घटित कर सकते हैं इस दुर्लभ अद्वितीय यंत्र को प्राप्त करके। यह मात्र यंत्र नहीं है, अपितु गुरुदेव का पूंजीभूत स्वरूप है, गुरु की समस्त चेतना का पूंजीभूत स्वरूप है, जिसे अपने पूजा कक्ष में स्थापित कर नियमित उसका पूजन करने पर गुरु से सायुज्यता प्राप्त करने का चिंतन होता है और स्वतः ही गुरु की चेतना उस साधक या शिष्य के हृदय में समाहित होने लगती है और वह श्रेष्ठता की ओर अग्रसर हो जाता है। गुरुदेव द्वारा वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर साधकों के लिए चैतन्य कर गुरु सायुज्य यंत्र निर्मित किये गये हैं।
जिन साधकों की पत्रिका सदस्यता समाप्त हो रही है वे नवीनीकरण के लिए जोधपुर कार्यालय में सम्पर्क करके अपनी सदस्यता का नवीनीकरण करायें। नवीनीकरण कराने पर आपको गुरु सायुज्य यंत्र (मात्र 350/- की वी-पी-पी-) उपहार स्वरूप भेजी जायेगी। आप अपने किसी परिजन को पत्रिका सदस्य बनाकर भी यह यंत्र उपहार स्वरूप प्राप्त कर सकते हैं।
अपने जीवन को पूर्ण रंगमय,उल्लासमय बनाने हेतू आवश्यक है कि आप अपने किसी परिचित या रिश्तेदार को अपने ज्ञान व चेतना के माध्यम से पत्रिका सदस्यता हेतू प्रेरित करें साथ ही गुरु पूर्णिमा के पर्व को पूर्ण आत्मसात् करने हेतु संकल्प ले कि आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा पर्व तक किन्ही तीन परिजनों को पत्रिका सदस्य बनाकर अपनी मनोकामना पूर्णता हेतू गुरुदेव से साक्षीभूत स्वरूप में दीक्षा प्राप्त कर सकेगें।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,