जिसके कारण संतान, पति-पत्नी, माता-पिता आदि किसी का भी परिवार में अचानक अस्वस्थ हो जाना या अन्य ऐसी समस्याओं का उत्पन्न होना, जिनका कोई उचित कारण ना हो, कार्य स्थल में अनेक तरह की समस्यायें आदि-आदि रूपों में होने लगे, इस तरह की अनेक बाधा मलिन क्रियाओ से उत्पन्न होती है। यह आवश्यक नहीं है कि नजर दोष के कारण बच्चों का ही जीवन प्रभावित होता है, आज के समय में इस तरह कि घटनाओं में वयस्क, किशोर, वृद्ध, महिलाये आदि सभी प्रभावित हो रहें है। क्योंकि समाज में तामसिक कुशक्ति का दब-दबा बना हुआ है।
अर्नगल कृत्यों में संलग्न व्यक्ति आज भी इस तरह कि क्रियायें करते रहते हैं। एक तरह से समाज पूरी तरह दूषित व घृणा युक्त होता जा रहा है। ऐसे में स्वयं व परिवार की रक्षा करना आवश्यक है, जिससे आप निरर्थक समस्याओं से स्वयं को व अपने शुभचिंतको को सुरक्षित कर सके। नजर बाधा पिशाच दोष निवारण महावीर रक्षा कवच से दुष्ट शक्तियों से रक्षा होती है और अर्नगल पिशाची कृत्य करने वालो की नजर से साधक का बचाव होता है। इस लॉकेट द्वारा विद्यार्थी अध्ययन मार्ग पर गतिशील रहते हैं व अर्नगल मार्ग की ओर उनका भटकाव नहीं होता है। शिशुवत् संतान को विशेष रूप से यह लॉकेट धारण करायें, जिससे उसकी दूषित नजर वालों से रक्षा हो सके।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,