नूतन वर्ष 2019 के प्रारम्भ के साथ-साथ सभी के जीवन में भी नई संभावनाओं, नये अवसरों का आरम्भ होता है, एक सकारात्मक चिंतन का आरम्भ होता है। निरन्तर प्रगतिशील जीवन में नये अनुभवों को प्रत्यक्ष करने और संघर्ष के माध्यम से स्वयं को इस योग्य बनाने की क्रिया आरम्भ होती है, जिससे साधनात्मक एवं सांसारिक जीवन में आने वाले प्रत्येक अवसर का पूर्ण रूप से सद्-उपयोग किया जा सके। इस नूतन वर्ष में आप स्वयं से एक प्रश्न अवश्य करें- क्या मैं जहां हूं, जिस स्थिति में हूं, उसमें खुश हूं ! साथ ही अपनी परिस्थितियों में अनुकूलता लाने के लिए मैंने सोच-विचार के अलावा और क्या कर्म किया है? जीवन में एक वर्ष और जुड़ गया है, हम पुनः अपने जीवन के अभावों, अनिश्चितताओं, संदेह को समाप्त करने का प्रयत्न करेंगे और अपने अनुभवों से सीखते हुये, नवीन परिवर्तन के लिए दृढ़ संकल्पित होंगे। परिस्थितियां कैसी भी हों, इस बार झुकना नहीं है, आपको हार नहीं मानना है।
सद्गुरुदेव द्वारा प्रदत्त ज्ञान, ऊर्जा अनन्त तक असीमित है, शिष्य-साधक अपने भाव और समर्पण के अनुरुप ही उनकी चेतना ग्रहण कर पाते हैं। उनके द्वारा बताई गई साधना और मंत्रों का गूढ़ रहस्य ज्ञात करना दुरुह व कठिन है, उनके द्वारा प्रदत्त साधना-मंत्र को पूर्णता से समझने के लिए उच्चकोटि योगी तुल्य जीवन, भाव, तप, समर्पण की आवश्यकता होती है। सद्गुरुदेव की चेतना अपने भीतर आत्मसात करने का यह नवीन अवसर नूतन वर्ष पर गुरुदेव ने सद्गुरु आत्मत्व राज-राजेश्वरी दीक्षा के माध्यम से सभी को दिया है, नारायणमय चेतना को आत्मसात कर अपने जीवन को सर्व सुखमय और आनन्द युक्त बना सके, साथ ही जीवन राजेश्वरीमय भोग युक्त बन सके व शिष्य साधक सिद्धाश्रम की ज्योर्तिंमय और मान सरोवर कैलाश पर्वत की पावन भूमि की ओजस्वी चेतना, ऊर्जा से परिपूर्ण हो सके।
मार्ग से विचलित करने वाले अनेक प्रलोभन है परन्तु पूर्ण रूपेण उन्नति के लिए गुरु द्वारा दिखाया मार्ग ही सर्वोत्कृष्ट उन्नतिशील मार्ग है, जो सांसारिक सुखों के साथ साधनात्मक जीवन को भी प्रगति की ओर ले जाता है। गुरु तो सदैव प्रदान करने का भाव ही रखता है, परन्तु उसे ग्रहण करने की क्षमता हमें अपने अन्दर जागृत करनी होती है, अन्तःकरण के अहंकार, आत्म अज्ञानता को समाप्त करना होता है। आप इस नूतन वर्ष में ऐसा करने में सक्षम व समर्थ हो सकें, साथ ही आपके जीवन का प्रत्येक पक्ष सुमंगलमय सौभाग्य युक्त बन सके व निरन्तर गुरुदेव के आशीर्वाद् से सराबोर होता रहे।
आपका अपना
विनीत श्रीमाली
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