आज का युग प्रतिस्पर्धा का है, जो जितना अधिक जूझेगा, वह उतना ही आगे जायेगा, जो जितना अधिक ज्ञानार्जन करेगा, उतना ही अधिक प्रतिभाशाली होगा, सांसारिक ज्ञान और किताबी ज्ञान के बीच संतुलन बनाकर जो आगे बढ़ने का प्रयास करेगा, उसके समक्ष सफलता के द्वार खुले होंगे। आज का युग ऐसा ही है, जब आपको कड़ी मेहनत के साथ अपनी आंखो को जाग्रत रखने से आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। इसलिये अपनी क्षमता के साथ वर्चस्व वृद्धि के लिये अपने आपको उच्चतम स्तर पर विकसित करने की आवश्यकता है, क्योंकि आज का समाज multi Talent को महत्व देता है, ऐसे में आपकी संतानों का चहुंमुखी विकास होना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य हो गया है, क्योंकि आने वाले 5-10 वर्षों में वही लोग अपनी जगह बना पायेंगे, जिनके भीतर अपूर्व जीवट शक्ति होगी। इसलिये अभी से हमें इसकी तैयारी करनी होगी, जिससे हम अपने बच्चों को विशेष रूप से चेतनाशील बना सके। उनके भीतर ऐसी चेतना का बीजरोपण करें, कि आने वाले समय में जब वह वृक्ष रूप में तैयार हो तो, उससे समाज, परिवार का हित सर्व स्वरूप में सिद्ध हो सके।
प्रत्येक माता-पिता को चाहिये कि वे अपनी संतान में उच्च शिक्षा, कौशल, सुसंस्कार का बीज रोपण साधनात्मक क्रियाओं का सहारा लेकर करें। क्योंकि दैवीय शक्ति के द्वारा ही व्यक्ति में वह चेतना, ज्ञान विकसित किया जा सकता है, जिससे विद्यार्थी मेद्यावी, संस्कारी, शिक्षा ग्रहण के प्रति गंभीर और संघर्षशील बने।
इस लॉकेट के द्वारा विद्यार्थियों में ज्ञान स्वरूपिणी मां आद्या शक्ति सरस्वती की चेतना का प्रवाह होता है, जिससे आपकी संतान मेद्या शक्ति, स्मरण शक्ति, ज्ञान, चातुर्य, बुद्धि, विवेक से युक्त होती है और उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपने आपको सर्वश्रेष्ठ निर्मित कर सकेंगे।
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