लाल रंग– जो शक्ति, ऊर्जा, बल, उत्साह का प्रतीक है।
भगवा रंग– जो एकता, विजय, सूर्य, गर्मजोशी, जीवन शक्ति, आनन्द, दृढ़ निश्चय व सकारात्मक का प्रतीक है।
पीला- जो ज्ञान, सुख, शुभ, सौभाग्य, रस, लक्ष्मी, सिद्धि का प्रतीक है
हरा- जो प्रकृति, स्वभाव, स्वरूप, विकास, वृद्धि, बढ़त, जीवन शक्ति, प्राण, उर्वरता, प्रजनन शक्ति, धन, मुद्रा, संपति, सामंजस्य व एकता का प्रतीक है।
नीला-जो आकाश का रंग है, व्योम, अन्नत, शीतलता, ठंडा, आराम देने वाला शांति का प्रतीक है ये कुंडलिनी चक्रो का रंग है, संचार व संपर्क का रंग है।
बैंगनी- महादेव शिव का रंग-सहजता (INTUITION) कल्पना, प्रज्ञता, बुद्धिमता, पंडित्यता का आध्यात्मतः का रंग है साथ ही कल्याणता का प्रतीक है
सफेद- जो शुद्धता, मासूमीयत, पूर्णता, सिद्धि का प्रवीणता का प्रतीक है।
ये सभी सप्त रंगो को जीवन में होना एक सुयोग्य सौभाग्य से कम नहीं और इनका अभाव हो तो जीवन निरस, बोझ से युक्त नारकीय बन जाता है।
होली व होलाष्टक को लेकर कई भ्रांति व भ्रम आम जन के मन मे होते है परन्तु वास्तविकता में होलाष्टक के समय इस वर्ष (21 मार्च 2021 से 28 मार्च 2021) किये गई साधना, ध्यान, मंत्र जप करना व दीक्षा प्राप्त करना अति उत्तम होता है साथ ही इस समय दान करने से कष्टों से मुक्ति, वस्त्र, अन्न, धन दान करने से जीवन के कष्टो का अंत व सुफलों की प्राप्ति होती है, इस समय तंत्र साधना करने का सबसे उत्तम योग होता है साथ ही तंत्र दोष बाधा का निवारण होता है
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कैलाश सिद्धाश्रम में होली शिविर का आयोजन 27-28 मार्च में हो रहा है शनिश्चरिय सहस्त्र लक्ष्मी रंगोत्सव पर्व इस आयोजन में सम्मिलित होकर आप अपना जीवन सप्त रंगों से युक्त व जीवन के पाप, संताप, दोष, विकार व न्यूनताओं से मुक्ति प्राप्त कर अपने जीवन को पूर्ण व वसंतमय बना सकेंगे।
आपका अपना
विनीत श्रीमाली
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