छत्तीसा यंत्र की यह विशेषता होती है कि इसको किसी भी पंक्ति से गिना जाये, तो उसका कुल जोड़ छत्तीस ही आता है, इसीलिये इसका अत्यंत महत्व माना गया है। इस मुद्रिका को मध्यमा उंगली में धारण किया जाना चाहिये और यदि चौबीस घण्टे यह मुद्रिका धारण किये रहें, तो पहनने वाला व्यक्ति कुछ ही दिनों में शत्रुओं पर पूर्ण विजय प्राप्त कर लेता है। इस मुद्रिका के द्वारा वह शत्रुओं पर तो विजय प्राप्त करता ही है, शत्रु उसके सामने नतमस्तक रहते हैं, इसको पहन कर मुकदमें में या कोर्ट में जायें तो पूर्ण वातावरण उसके अनुकूल होने लगते है। वास्तव में ही जिनको राज्यभय हो, इन्कम टैक्स, सेल्स-टैक्स या अन्य किसी प्रकार की बाधायें, अड़चने, कठिनाइयाँ, शत्रु-भय आदि अनुभव होता हो, तो यह मुद्रिका अपने आप में फलदायी है।
मुद्रिका पर सुन्दर ढंग से छत्तीसा यंत्र अंकित किया हुआ, अपने आप में सुन्दर तो दिखाई देता ही है, सामने वाले पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डालने में समर्थ होता है, इस मुद्रिका को पहनने से जीवन सभी दृष्टियों से निष्कंटक, निर्भय और तनाव रहित हो जाता है।
इसके अलावा यह मुद्रिका या दूसरे शब्दों में छत्तीसा यंत्र मुद्रिका व्यापार वृद्धि और भाग्योदय में विशेष रूप से अनुकूल होती है, वास्तव में यह मुद्रिका सही शब्दों में कहा जाये तो जीवन का सौभाग्य मानी गयी है।
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