





लेकिन जैसे-जैसे हर चीज का आज डिजीटलाईजेशन हो रहा है वैसे-वैसे किताबों की तरफ INTEREST खत्म सा होता जा रहा है। आज सब कुछ फोन तक सिमटकर रह गया है। जिससे सारा KNOWLEDGE और INFORMATION झटपट तो मिल जाती है लेकिन इससे बच्चों की THINKING और IMANIGATION POWER का DEVELOPMENT रूक सा जाता है।
BOOK READING की आदत PATIENCE, STORY TELLING याद रखने की क्षमता जैसी चीजों को बढ़ावा देती है।
बुक रीडिंग की HABIT की शुरूआत कैसे करें-
सबसे पहले तो फोन आदि इलेक्ट्रानिक गेजेट्स से थोड़ी दूरी बनाये, उन्हें साईलेंट मोड़ पर डालकर रीडिंग आदि करे ताकि आपका ध्यान इधर-उधर न भटके।
READING POSTURE ठीक होना जरूरी है क्योंकि जब हम UNCOMFORTABLE पोजीशन में रीडिंग,WRITING, ड्राईग, पेटिंग करते है तो जल्दी थक जाते है, BORE हो जाते है और वह काम जल्दी छोड़ देते है।
BOOK READING HABIT DEVELOP करने के लिये छोटे-छोटे TARGET SET करें जैसे कि आज 15 मिनट रीडिंग करनी है, NEXT WEEK से थोड़ा ज्यादा टाइम BOOKS को दे, कुछ ऐसा PLAN जिससे आप STICK रहे सके, DAILY FOLLOW कर सके।
कोई शब्द मुश्किल लगे उसे UNDERLINE करके पेरेंट्स से या फिर DICTIONARY में उसका मतलब खोजे फिर उसे दोहराये या लिख लें, जिससे आपकी VOCABULARY भी धीरे-धीरे बहुत अच्छी होती जायेगी।
आप बुक्स EXPLORE करने के लिये LIBRARY भी जा सकते हैं जहां आपको कई अच्छे-अच्छे OPTIONS मिल जायेंगे, आपकी सोच का दायरा भी बढ़ेगा।
रीड करने के बाद FAMILY और FRIENDS के साथ इसकी चर्चा करें।
लोगों का INPUT लें। इससे आपको कुछ नई और DIFFERENT सोच से अवगत होने में मदद होगी।
इसीलिये आज से ही इन बातों को ध्यान में रखकर रीडिंग हेबिट अपनायें और अपने ज्ञान, COMMUNICATION SKILLS, आत्मविश्वास, DECISION POWER को बढ़ायें।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,