इस पत्रिका की वार्षिक सदस्यता को प्राप्त कर, आप पायेंगे अद्वितीय और विशिष्ट उपहार जिसे प्राप्त करना तभी सम्भव है, जब जीवन के पुण्य एकत्र होकर पूंजीभूत हो। इस यंत्र को प्राप्त करना अजगर की तरह सोये भाग्य को नींद से जगाने जैसा है।
यह प्रायः देखा गया है, कि बेहद प्रयास के बाद भी व्यक्ति अपने किसी विशेष लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता है – ये लक्ष्य व्यापार में वृद्धि का हो सकता है, साधना में सिद्धि का हो सकता है। आपके प्रयासों के बाद भी सफ़लता यदि अछूती रह जाती है, तो इसका कारण पूर्व जन्म कृत दोषों में छिपा होता है।
कर्म अवश्य ही प्रधान है, परन्तु भाग्य को भी नकारा नहीं जा सकता है। भाग्य यदि साथ दे, तो व्यक्ति अपने प्रयासों में अपना अभीष्ट प्राप्त कर सकता है, दीपावली की रात्रि में सिद्ध की गई इस यंत्र का प्रभाव इतना तीव्र होता है, कि व्यक्ति अपने सफ़लता पर मुग्ध हुए बिना नहीं रह पाता।
किसी भी दिवस को प्रातः काल 5 से 6 बजे के मध्य यंत्र को अपने पूजा स्थान में चावल की ढेरी बनाकर उस पर ‘‘राज-राजेश्वरी यंत्र’’स्थापित करें तथा निम्न मंत्र का 105 बार उच्चारण करें। पूरे माह तक नित्य ऐसा करें, तत्पश्चात् यंत्र को किसी मंदिर में चढ़ा दें।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,