सभी प्रकार की साधनाओ में सफलता गुरु कृपा से ही संभव होती है। अष्ट महासिद्धियों के प्रदाता सद्गुरु ही होते हैं, जिनकी कृपा मात्र से जीवन के सभी क्लेश, कष्ट दूर हो जाते हैं, उन्हीं परमात्मा स्वरूप सदगुरु का नित्य पूजन, ध्यान करना शिष्य का कर्तव्य है। नारायण भगवती चरण पादुका का नित्य दर्शन, पूजन करने वाले शिष्य के सभी अभीष्टों की पूर्ति करने में सिद्धाश्रम की दिव्य शक्तियां सहायक होती हैं, और उन्हें जीवन में निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर करने में सहायता करती रहतीं हैं।
गुरु पूर्णिमा दिवस में प्रातः सात बजे अपने पूजा स्थान में पूर्व की ओर मुंह कर बैठ जाये। आश्रम से प्राप्त सद्गुरु नारायण पारद चरण पादुका का पंचामृत स्नान कराकर विधि-विधान से पूजन सम्पन्न कर पूजा स्थान में स्थापित कर दें। पश्चात् गुरु आरती, समर्पण स्तुति व सिद्धाश्रम पंचक का पाठ करें।
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