इसके साथ ही व्यापारिक प्रतिस्पर्धा, ईर्ष्या, द्वेष के कारण भी कार्य-व्यापार को हानि पहुंचाने का कुचक्र होता रहता है। जिसके कारण व्यक्ति के कार्यो में बाधा, अवरोध अनेक माध्यमों से उत्पन्न होते रहते हैं। इन सभी के साथ भाग्य का प्रबल होना भी आवश्यक है, अर्थात् दुर्भाग्य की स्थितियों का शमन होना चाहिए।
अधिकांश लोगों की समस्या यही होती है कि उनके जीवन में स्थिर लक्ष्मी का अभाव है अर्थात् धन की प्राप्ति तो होती है, परन्तु लक्ष्मी आने के पूर्व ही जाने का मार्ग प्रशस्त होता है, अर्थात् आय से अधिक व्यय स्थितियां बनी रहती हैं। इस हेतु अक्षय लक्ष्मी तत्व की आराधना, साधना करनी ही चाहिए।
अक्षय तृतीया के चैतन्य दिवस पर कार्य- व्यापार वृद्धि अक्षय लक्ष्मी शक्ति धनदा यंत्र स्थापित करने से जीवन में निरन्तर धन वृद्धि की स्थितियां निर्मित होती रहती हैं और कार्य-व्यापार स्थायी रूप से उन्नति प्रगति की ओर अग्रसर होता है। साथ ही जिनका कार्य-व्यापार मंदा है, वे भी सुस्थितियों की प्राप्ति करने में सफल होते हैं तथा प्रतिस्पर्धियों का सामना भी डटकर करते हुए, उन्हें पराजित कर पाते हैं। जिससे जीवन में सुख समृद्धि युक्त स्थायी रूप से लक्ष्मी निरन्तर जीवन में विद्यमान रहती है।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,