इसका मूल कारण पूर्ण चेतना भाव से परिश्रम के सुपरिणाम में शत्रुओं द्वारा द्वेष भावना, ईर्ष्या के फलस्वरूप अनर्गल क्रियायें टोना-टोनी द्वारा तंत्र प्रयोग स्वरूप कुक्रियायें होने से ही जीवन अनेक स्वरूपों में दु:ख, विषाद, कष्ट पूर्ण बन जाता है।
अत: इस प्रकार की कुक्रियायें किसी भी रूप में जीवन में आये ही नहीं व निरन्तर साधक का जीवन सर्व सुरक्षामय बना रहे इस हेतु दस महाविद्याओं में सबसे तीव्र और भयच्युत देवी धूमावती की उपासना सहायक होती है। साथ ही जो साधक देवी धूमावती की चेतना आत्मसात कर लेता है उसका जीवन तेजस्वी, बलवान, साहसी, निडर, विजयश्री बन जाता है।
28 मई, रविवार हर्षण बालव योग युक्त क्षीरभवानी शक्तिमय धूमावती अवतरण पर्व पर सद्गुरूदेव कैलाश श्रीमाली जी माता धूमावती के सहस्त्र नाम युक्त सवा लाख मंत्र जप सम्पन्न कर फोटो से विशिष्ट धूमावती क्षीरभवानी दीक्षा व माला चेतन्य रूप में प्रदान की जायेगी। दीक्षा ग्रहण करने के पश्चात् माला को धारण करने से अनेक तरह की अनर्गल स्थितियां समाप्त हो सकेंगी।
It is mandatory to obtain Guru Diksha from Revered Gurudev before performing any Sadhana or taking any other Diksha. Please contact Kailash Siddhashram, Jodhpur through Email , Whatsapp, Phone or Submit Request to obtain consecrated-energized and mantra-sanctified Sadhana material and further guidance,