मोती की विशेषता
मोती नक्षत्रराज चन्द्रमा का रत्न है, यह रत्न शीतलता और सौम्यता का प्रतीक है, शास्त्रों के अनुसार चन्द्रमा बालको की आयु की रक्षा मातृ रूप में करता है। मोती सभी प्रकार के सौम्य गुणों से युक्त धान, यश, सौभाग्य और संतान सुख प्रदायक है, रोग, शोक, चिन्ता, तनाव को दूर करके मनोवांछित फ़ल प्रदान करता है। चन्द्रमा कल्पना शक्ति ग्रह है, जो व्यक्ति मोती धारण करता है उसकी कल्पना शक्ति में वृद्धि होती है।
मोती के लाभ
चन्द्र ग्रह से सम्बन्धित सभी दोष समाप्त हो जाते है, तनाव, अनिंश्चंतता क्रोध शांत होता है, इसे धारण करने वाला व्यक्ति तेज, ओज, ऊर्जा से आपूरित होता है, यह धान व ज्ञान प्रदाता है। स्त्रियों के पेट सम्बन्धित रोग इससे दूर हो जाते है।
कौन धारण करे
मोती कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है। इसे सोमवार को कनिष्ठ या अनामिका ऊंगली में धारण करना चाहिये। इसे गले में भी धारण कर सकते है। मोती धारण करते समय निम्न मंत्र का 21 बार उच्चारण कर धारण करें।
मंत्रो द्वारा प्राण प्रतिष्ठित रत्न न्यौछावर राशि 5100/-
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